![Monsoon 2019 Live Update]()
Updated on June 26, 2:30 PM: मेघालय और असम के इलाकों में मॉनसून देगा भारी बारिश
असम, सिक्किम और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी मॉनसून बारिश दर्ज हुई । साथ ही, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिणी कोंकण व गोवा और तटीय आंध्र प्रदेश के हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहा ।
मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय वेरावल, सूरत, इंदौर, मंडला, पेंडरा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खेरी और मुक्तेश्वर के रास्ता से गुजर रही है ।
पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून में कोई महत्वपूर्ण प्रगति देखने को नहीं मिली है ।
बीते कल यानि 25 जून को 159 मिमी के साथ सबसे अधिक बारिश मेघालय के चेरापुंजी में दर्ज की गई जबकि गोपालपुरा में 126 मिमी, पंजीम में 98 मिमी, गंगटोक में 83 मिमी और कूच बिहार में 77 मिमी बारिश दर्ज की गई ।
अगले 24 घंटों के दौरान, मेघालय और असम के इलाकों में भारी बारिश की उम्मीद है । इसके अलावा, तटीय कर्नाटक, केरल, कोंकण व गोवा और गुजरात के हिस्सों में भी मॉनसून की बारिश देखने को मिलेगी ।
Updated on June 25, 04:05 PM: मॉनसून की दस्तक से मुंबई, सूरत और इंदौर में अच्छी बारिश के आसार
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून लगातार 6वें दिन भी प्रगति पर है। मॉनसून अब तक महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ अन्य इलाकों तक पहुंच गया है। इसके अलावा मुंबई, सूरत और इंदौर जैसे शहरों में भी
मॉनसून का इंज़ार खत्म हो चला है।
हालाँकि, मॉनसून की प्रगति सिर्फ पश्चिमी भागों में देखने को मिली है। जबकि पूर्वी हिस्से में कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिला है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा, इस समय वेरावल, सूरत, इंदौर, मांडला, पेंड्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी और मुक्तेश्वर से होकर गुजर रही है।
इसके साथ ही कोंकण-गोवा, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश और विदर्भ में अगले 24 में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार,
पूर्वोत्तर भारत के भागों में मॉनसून के सक्रिय बने रहने की संभावना है। इसके कारण उप-हिमाली पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं पूर्वोत्तर भारत के एक-दो स्थानों पर बेहद भारी बारिश हो सकती है।
Updated on June 24, 07:00 PM: मॉनसून पहुंचा उत्तराखंड, मुंबई और गुजरात होगा अगला पड़ाव
मॉनसून प्रगति के साथ कोंकण के भागों समेत, मध्य
महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और पूरे विदर्भ तथा मराठवाड़ा तक पहुंच चुका है। इसके अलावा मॉनसून मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश होते हुए उत्तराखंड में भी दस्तक दे चुका है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय अलीबाग, खांडवा, छिंदवाड़ा, मांडला, पेंड्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी और मुक्तेश्वर से होकर गुजर रही है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मॉनसून के मुंबई समेत महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और
उत्तराखंड के भागों को कवर करने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। इसके अलावा अगले 24-48 घंटों में दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 2019 के दक्षिणी गुजरात और मुंबई में दस्तक देने की उम्मीद है।
Updated on June 23, 04:50 PM: मॉनसून ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों को किया कवर, जल्द पहुँच सकता है मुंबई और गुजरात
देश के अधिकांश भागों में मॉनसून का आगमन हो चुका है। सक्रिय मॉनसून स्थितियों के कारण दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून देश के अन्य हिस्सों में भी प्रभावी हो गया है। इस समय मॉनसून
मध्य प्रदेश और विदर्भ के इलाकों सहित विदर्भ के अधिकांश इलाकों की ओर बढ़ गया है। तथा इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में पहुंच गया है
मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय रत्नागिरी, अहमदनगर, औरंगाबाद, नागपुर, पेंड्रा, वाराणसी और बहराईच से होते हुए गुजर रही है।
जिसके कारण उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों और
छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश देखने को मिली है। वहीं केरल, तटीय कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हुई है।
कल यानि शनिवार 22 जून की सुबह 08:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान ग़ाज़ीपुर में 89 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। वहीं अंबिकापुर में 85 मिमी, बहराइच में 59 मिमी, होन्नावर में 37 मिमी, तुनी में 34 मिमी, गया में 30 मिमी, कोच्चि में 31 मिमी, जगदलपुर में 32 मिमी, पटना में 31 मिमी, थ्रिसूर में 26 मिमी तथा मंगलुरु में 24 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है।
मुंबई समेत सम्पूर्ण महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में अगले 48 घंटों के दौरान स्थितियां मॉनसून की प्रगति के लिए अनुकूल बन रही हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि
दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून, दक्षिणी गुजरात और पूर्वी तथा दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश के भागों तक 25 जून को पहुंच सकता है।
Updated on June 22, 03:45 PM: मॉनसून हुआ वाराणसी, गोरखपुर और ब्रह्मपुरी की ओर अग्रसर
मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय रत्नागिरी सोलापुर, आदिलाबाद, ब्रह्मपुरी, पेंड्रा, वाराणसी और गोरखपुर होते हुए गुजर रही है। इसके अलावा मध्य अरब सागर, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ और छत्तीसगढ़ समेत उत्तरी अरब सागर, दक्षिणी गुजरात और मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में
मॉनसून की प्रगति के लिए अगले 2 से 3 दिनों के दौरान मौसमी स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिणी तटीय भागों समेत बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बीते 24 घंटों में मॉनसून की तीव्रता में बढोत्तरी हुई है। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों समेत उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तरी तेलंगाना में
मॉनसून सक्रिय बनी हुई हैं।वहीं तमिलनाडु के पूर्वी भागों में मॉनसून कमजोर तथा बाकी हिस्सों में सामान्य बना रहा।
अब मॉनसून के पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र की ओर बढ़ने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ तथा इससे सटे हुए पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ स्थानों में मॉनसून की तीव्रता में बढ़ोत्तरी हो सकती है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिमी बिहार, झारखंड, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और देश के दक्षिणी भागों में मॉनसून सामान्य बना रह सकता है।
इसके अलावा तमिलनाडु, गंगीय पश्चिम बंगाल के भागों समेत दक्षिण-पूर्वी बिहार और इससे सटे हुए झारखंड के भागों में
मॉनसून की स्थितियां कमजोर बनी रहेंगी।
Updated on June 21, 1:20 PM: तटीय कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा कोंकण और गोवा में अच्छी बारिश देगा मॉनसून
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 इस समय मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों सहित तटीय कर्नाटक के बाकी हिस्सों, दक्षिणी कोंकण व गोवा के कुछ हिस्सों, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र और आंतरिक कर्नाटक, बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी बचे हिस्सों और पश्चिम बंगाल के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा है।
129 मिलिमीटर के साथ
सबसे अधिक वर्षा असम के जोरहाट में रिकॉर्ड की गयी। उसके बाद अमिनदीवी में 97 मिलीमीटर, सिल्चर में 63 मिलिमीटर और कन्नूर में 52 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गयी।
इसके अलावा, अगले दो से तीन दिनों के दौरान मध्य अरब सागर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, तमिलनाडु के बाकी भागों, बंगाल की खाड़ी, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ और हिस्सों सहित बिहार, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की प्रगति के लिए स्थितियाँ अनुकूल हो रही है।
Updated On June 20, 04:15 PM: महाराष्ट्र में हुआ मॉनसून का आगमन, केरल, तटीय कर्नाटक, और कोंकण-गोवा में जारी रहेगी भारी बारिश
पश्चिमी तटीय भागो जैसे कोंकण-गोवा और तटीय महाराष्ट्र के भागों सक्रीय मॉनसून स्थितियों के कारण भारी से मूसलाधार बारिश देखने को मिली है। इसी के साथ मॉनसून ने तटीय कर्नाटक और पूर्वोत्तर राज्यों के बचे हुए हिस्सों से बढ़ते हुए आंतरिक कर्नाटक समेत दक्षिणी कोंकण-गोवा, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के भी भागों में मॉनसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय रत्नागिरी, कोल्हापुर, शिमोगा, सालेम, कुड्डालोर, कोलकाता और गंगटोक से होकर गुजर रही है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 घंटों तक इस समय सक्रीय मॉनसून की स्थितियों के कारण तटीय कर्नाटक और कोंकण-गोवा में भारी से
मूसलाधार बारिश होने की संभावना। इसके अलावा केरल में भी मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
Updated on June 19, 11:55: केरल और तटीय कर्नाटक में सक्रिय रहेगा मॉनसून, मध्यम से भारी वर्षा का अनुमान
मॉनसून 2019 की प्रगति में कल यानि 18 जून को कोई सुधार नहीं देखा गया। हालांकि, सक्रिय मॉनसून के चलते केरल, तटीय कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में
मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई। कुछ स्थानों में अत्यंत भारी बारिश यानि तीन अंकों की वर्षा भी दर्ज की गई।
मंगलवार सुबह 8:30 बजे से 24 घंटे के दौरान, हट बे में 108 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पोर्ट ब्लेयर 36 मिमी, तथा माया बंदर में 26 मिमी। वहीं केरल में कन्नूर में 71 मिलीमीटर, कोझीकोड में 49 मिमी, कारीपुर में 35 मिमी, होनावार में 43 मिमी, मैंगलोर में 35 मिमी और कोच्चि में 10 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
इसके अलावा असम के भी कुछ हिस्सों में
सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई। इस दौरान असम के सिल्चर ने 49 मिमी, हाफलोंग में 21 मिमी और लुमडिंग में 18 मिमी बारिश दर्ज की गयी है। हालांकि, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी इलाकों में मॉनसून कमज़ोर बना रहा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून की सक्रियता के कारण, केरल और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। इसके अलावा
उत्तरपूर्वी राज्यों में सामान्य मानसून की स्थिति देखी जाएगी, जिसमें कुछ हिस्सों में भारी बारिश भी दर्ज की जाएगी।
Updated on June 18, 08:30 PM: लंबे ब्रेक के बाद मॉनसून अगले तीन-चार दिनों में लगाएगा लंबी छलाँग, गोवा और ओड़ीशा में होगा आगाज़
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 केरल में एक सप्ताह की देरी से आगमन के बाद से बहुत सुस्त चल रहा है। हालांकि स्थितियाँ अब बदल रही हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून अगले तीन से चार दिनों में
कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों को पार करते हुए दक्षिणी कोंकण-गोवा क्षेत्र में दस्तक दे देगा। इसके अलावा तमिलनाडु के भी बचे भागों से आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश के ज़्यादातर हिस्सों में आ जाएगा।
बंगाल की खाड़ी से मॉनसून के पूर्वी सिरे को पूरा सपोर्ट आने वाले दिनों में मिलेगा जिसके चलते मॉनसूनी हवाएँ ओड़ीशा में भी पहुँच जाएंगी। साथ ही पूर्वोत्तर भारत के बाकी बचे हिस्सों के साथ-साथ उप-हिमालयी पश्चिम
बंगाल और सिक्किम में मॉनसून आगे बढ़ जाएगा।
मॉनसून 2019 की उत्तरी सीमा 18 जून तक मंगलोर, मैसूर, सलेम, कुड्डालोर, गोलपाड़ा, अलीपुरद्वार और गंगटोक से होकर गुज़र रही है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मॉनसून आगे बढ़ेगा, बारिश की गतिविधियां भी ज़ोर पकड़ेंगी।
Updated on June 17, 12:35 PM: छत्तीसगढ़ में अगले 2 से 3 दिनों में हो सकता है मॉनसून का आगमन
छत्तीसगढ़ में अगले 24 से 48 घंटों में बारिश होने की उम्मीद है। जिनमे से जगदलपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर, बिलासपुर और रायपुर में भी यह गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
अगले 3-4 दिनों में
छत्तीसगढ़ के दक्षिणी ज़िलों में मॉनसून का आगमन होने की उम्मीद है।
इसके अलावा ओडिशा होते हुए एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। इसके कारण ओडिशा के खासकर दक्षिणी और तटीय भागों बारिश की तीव्रता में बढोत्तरी देखने को मिल सकती है।वहीं आंतरिक भागों में कुछ और दिनों तक छिटपुट बारिश जारी रहने के आसार हैं।
इसके अलावा पूरे राज्य में अगले 2 से 3 दिनों तक रुक-रुक कर गरज के साथ
बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है।
इसके अलावा ओडिशा में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने के कारण मॉनसून का आगमन अगले 2 से 3 दिनों में होने की संभावना है।
Updated on June 15, 12:50 PM: ओडिशा और पुरे पूर्वोत्तर भारत में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान दस्तक देने वाला है मॉनसून
पिछले 24 घंटों में
दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 पूर्वोत्तर भारत के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा है, लेकिन अब लगभग
सभी पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून की प्रगति के लिए मौसमी परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, अगले 24 से 48 घंटों में, मॉनसून 2019 उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर के सभी राज्यों जैसे असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा तक पहुंच जाएगा। कम से कम अगले तीन से चार दिनों तक यहां रुक -रुक कर हो रही बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।
अरब सागर से चलने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ हैं जो देश के मध्य भागों सहित ओडिशा तक पहुँच रही हैं। इसके अलावा, उत्तरी शुष्क हवाएँ भी राज्य में पहुँच रही हैं। ओडिशा और उससे सटे आसपास के क्षेत्रों में यह दोनों विपरीत हवाएं एक साथ मिलेंगी। इसके अलावा, एक ट्रफ रेखा भी पूर्वोत्तर भारत से लेकर ओडिशा के तटीय भागों तक फैली हुई है। इन मौसम प्रणालियों के कारण राज्य में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होगी और अगले तीन से चार दिनों तक बारिश में वृद्धि की उम्मीद है।
स्काइमेट के मुताबिक,
मॉनसून अब ओडिशा में दस्तक देने वाला है। संभावना है कि, मॉनसून का अगले 24 से 48 घंटों में ओडिशा के भागों में खासकर दक्षिणी तटीय ओडिशा में आगमन होने वाला है।
Updated on June 14, 2:00 PM: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019: अगले 24 से 48 घंटों के दौरान, पुरे कर्नाटक सहित कर्नाटक में हो सकता है मॉनसून का आगमन
दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 की सुस्त प्रगति जारी है और लंबे समय से स्थिर बनी हुई है। 15 जून तक, मॉनसून देश के कम से कम दो तिहाई हिस्से को कवर कर लेगा। हालांकि, अब तक, देश का केवल 10 प्रतिशत हिस्सों में ही मॉनसून की बारिश रिकॉर्ड हुई है।
पूर्वोत्तर भारत में आमतौर पर जून की शुरुआत में
मॉनसून का आगमन हो जाता है, लेकिन इस बार, मॉनसून अब तक केवल मिज़ोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों तक ही पहुंचा है।
हालांकि, अब मॉनसून के अगले 24 से 48 घंटों के दौरान केरल, तटीय कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों और कोंकण व गोवा के कुछ हिस्सों को कवर करते हुए आगे बढ़ने की संभावना है। दूसरी तरफ, पूर्वोत्तर भारत में भी मॉनसून का आगमन हो सकता है।
Updated on June 12, O3:00 PM: अगले 24 घंटों के दौरान कर्नाटक, कोंकण और गोवा में हो सकता है मॉनसून का आगमन
पिछले 24 घंटों के दौरान, महाराष्ट्र, कर्नाटक से केरल के पश्चिमी तटीय इलाकों में बारिश की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। हालांकि, आंतरिक प्रायद्वीप पर बारिश की गतिविधियां अभी भी कम हैं। इसके अलावा, पूर्वोत्तर भारत में भी अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश की गतिविधियाँ चल रही हैं।
स्काइमेट का अनुमान है कि, अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून, तटीय कर्नाटक के पुरे हिस्से सहित कोंकण और गोवा को कवर कर लेगी। दूसरी ओर, आंतरिक प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत को मॉनसून के आगमन के लिए दो से तीन दिनों तक इंतजार करना होगा।
हालांकि, 24 घंटे के बाद
पूर्वोत्तर भारत में बारिश की तीव्रता में वृद्धि के कारण, मॉनसून 14 जून तक पूर्वोत्तर के भागों पर प्रगति कर सकता है।
Updated on June 11 at 5:20 PM: केरल, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बारिश के बावजूद नहीं बढ़ रहा मॉनसून
केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में आज भी हल्की से मध्यम बारिश जारी रही रही। साथ ही, पिछले कुछ घंटों से असम के कुछ इलाकों में भी बारिश देखी जा रही है। इन क्षेत्रों में यह बारिश मॉनसून की शुरुआत का संकेत दे रही है। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक तथा उत्त्तर पूर्वी भारत सहित बिहार के पूर्वी भागों में बारिश जारी रहेगी।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों ने पहले से ही, अगले 24 से 48 घंटों में कर्नाटक और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून की शुरुआत का अनुमान लगाया है। अगले दो दिनों में गोवा, कर्नाटक तथा उत्तर पूर्वी भारत में मॉनसून के दस्तक देने की संभावना है।
Updated on June 11 at 12:40 PM: केरल के अधिकांश हिस्सों सहित कर्नाटक और पूर्वोत्तर भारत को कवर करने वाला है मॉनसून
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 की उत्तरी सीमा यानि एन एल एम इस समय बंगाल के दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी-मध्य खाड़ी से लेकर बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी होते हुए आइज़ोल के रास्ते कन्नूर और मदुरै से होकर गुजर रही है है। पिछले 24 घंटों के दौरान, केरल, तटीय कर्नाटक और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश रिकॉर्ड हुई है। पूर्वोत्तर राज्यों सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश देखी गई, जबकि सिक्किम में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई।
मौसमी स्थितियां अनुकूल बनी हुई है और अनुमान है कि, अगले 48 घंटों के दौरान मॉनसून केरल, दक्षिणी कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों को कवर कर लेगा।

Updated on June 10 at 03:30 PM: केरल और कर्नाटक में भारी बारिश, पूर्वोत्तर भारत में प्रवेश कर रहा मॉनसून
लम्बे इंतज़ार के बाद आखिरकार
दक्षिण पश्चिम मॉनसून का पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में आगमन हो गया। मॉनसून ने मिजोरम और मणिपुर के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लिया है। इस समय तक दक्षिण पश्चिमी मॉनसून, दक्षिणी अरब सागर, दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी, लक्षद्वीप समूह सहित केरल के अधिकांश भागों, तमिलनाडु के ज्यादातर क्षेत्रों और दक्षिण पश्चिमी तथा पूर्वी मध्य खाड़ी सहित पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ क्षेत्रों को कवर कर चुकी है।
Updated on June 10 at 11:50 AM: केरल में 8 जून को दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019
के आगमन के बाद से कर्नाटक के तटीय इलाकों और केरल में बारिश की तीव्रता बढ़ गयी है। पिछले 48
घंटों के दौरान केरल के अधिकांश हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश रिकॉर्ड हुई है।
पिछले 24 घंटों में यानि रविवार को सुबह 08:30 बजे से, अलप्पुझा में 106.4 मिमी, कोट्टायम में 92.4 मिमी, कोच्चि में 90.6 मिमी, तिरुवनंतपुरम में 115.6 मिमी, पुनालुर में 48.8 मिमी, कोझिकोड में 26.6 और कण्णूर में 13.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार,
एक चिन्हित निम्न दवाब क्षेत्र डिप्रेशन का रूप ले लिया है। अगले 24-48
घंटों में इसके चक्रवाती तूफ़ान का रूप लेने की संभावना है। इसे चक्रवात वायु के नाम से जाना जायेगा।
पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में भी भारी से अतिभारी बारिश देखने को मिली। स्काइमेट के मुताबिक अगले 2-3
दिनों तक भारी से अति भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है। इसलिए,
पर्यटकों को उचित सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
Updated on June 9, 2019 at 02:50 PM: मॉनसून 2019 लाइव अपडेट: केरल में 48 घंटों तक सक्रिय रहेगा मॉनसून, इसी दौरान पूर्वोत्तर में भी दे सकता है दस्तक
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 ने केरल में 8 जून को दस्तक दी। इसके चलते पिछले 24 घंटों के दौरान केरल में कई जगहों पर अच्छी बारिश दर्ज की गई।
साल 2019 में मॉनसून लगभग एक सप्ताह की देरी से केरल में पहुंचा है।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 का आगमन केरल में तो हो गया है लेकिन पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में इसका इंतज़ार अभी भी जारी है। हालांकि मौसमी स्थितियां मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल हैं। उम्मीद है कि 48 घंटों में पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून दस्तक दे देगा।
8 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, केरल में 63 प्रतिशत बारिश की कमी रिकॉर्ड हुई है। लेकिन, पिछले 24 घंटों से केरल के अधिकांश भागों में गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश होने के बाद अनुमान है कि केरल में बारिश की कमी का स्तर कम होगा या फिर सामान्य तक पहुंच जायेगा। इस तरह के व्यापक बारिश के कारण अगले एक सप्ताह में केरल में बारिश के स्तर में उछाल की उम्मीद है।
पिछले 24 घंटों में यानि शनिवार को सुबह 08:30 बजे से, अलप्पुझा में 66 मिमी, तिरुवनंतपुरम में 32 मिमी, त्रिवेंद्रम में 28 मिमी, कोच्चि में 23 मिमी, पुनालुर में 12 मिमी और कोट्टायम में 5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
Updated on June 8, 2019 at 02:15 PM: दक्षिण-पश्चिम
मॉनसून 2019 का केरल में 8 जून को आगाज़ हुआ। पिछले दो-तीन दिनों से 14 स्थानों पर बारिश हो रही थी जिसके चलते मॉनसून के आगमन के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनी थीं। इस समय मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम लक्षद्वीप में अमिनीदिवी, केरल में कोचीन और तमिलनाडु में मदुरै से होकर गुज़र रही है।
बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-मध्य और पूर्वी-मध्य भागों में भी मॉनसून में प्रगति हुई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इसका पश्चिमी छोर कमजोर रहेगा जिससे दक्षिण भारत के बाकी हिस्सों में इसकी कमजोर प्रगति की आशंका है। लेकिन पूर्वोत्तर भारत के भागों में
मॉनसून के जल्द दस्तक देने के लिए मौसमी परिदृश्य अनुकूल बना हुआ है।
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Originally Published on June 8, 2019 at 12:00 PM: दक्षिण-पश्चिम
मॉनसून 2019 का 7 दिनों की देरी के बाद आखिरकार केरल में 8 जून को आगमन हो गया। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून के आगमन के लिए सभी स्थितियां शुक्रवार को ही अनुकूल बन गई थीं। इसके चलते 8 जून को
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगमन की औपचारिक घोषणा हो गई और अब भारत के मुख्य भूभाग पर मॉनसून का 4 महीनों लंबा सफर शुरू हो गया है।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अरब सागर के दक्षिण-पश्चिमी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है, जो जल्द ही निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। इस सिस्टम को मॉनसून के केरल में लाने का श्रेय दिया सकता है। लेकिन यह सिस्टम उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा जिसके कारण आगमन के बाद केरल में जल्द ही बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। इससे पहले 6 और 7 जून को लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक के पूर्व निर्धारित 14 स्थानों पर अच्छी बारिश हुई है।